धार 

 

इस अत्याचारी सरकार का अंत अब क़रीब है

 

ये जंगल हमारे पूर्वजों की पूँजी है, जिसे हमने अपने खून से सींचा है, किसी भी बाहरी को इसे किसी क़ीमत पर उजाड़ने नहीं देंगे

 

- राजवर्धन दत्तीगांव नियमविरूद्ध आदिवासियों की ज़मीन छीन कर उनको जंगल से बेदख़ल कर इंडस्ट्रियल एरिया बनाना चाहते है, उनकों लगता है आदिवासी चुप बेठेगा

 

- प्रदेश में सब जगह आदिवासी युवाओं पर झूठे मुक़दमे किए जा रहे हैं पर मेरे शेर भाइयों डरों मत “मैं तुम्हारे साथ खड़ा हूँ हर समय” इस अत्याचारी सरकार का अंत अब क़रीब है 

 

- ये जंगल हमारे पूर्वजों की पूँजी है, जिसे हमने अपने खून से सींचा है, किसी भी बाहरी को इसे किसी क़ीमत पर उजाड़ने नहीं देंगे

 

- बैठक में, मुझे युवाओं ने बताया की उनको दरकीनार किया जा रहा है, आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों को मंच और पद नहीं दिया जाता 

 

- आदिवासी समाज का 70 हजार वोट होने के बावजूद 3 ब्लाक, 25 मंडल, 39 सेक्टर है, इन पदों पर आदिवासी समाज को पद नहीं दिया जा रहा है

 

- इस से सरकार की मंशा एकदम साफ़ है, मेरे लोगों के साथ ना इंसाफ़ी की जा रही है, सरकार ध्यान रखे जलद ही इस पर हम कोई बड़ा कदम उठाएँगे