झाबुआ। नवरात्रि पर्व में पावागढ़ जाने वालें दर्शनार्थियों के लिए शिवशक्ति अमरनाथ सेवा समिति ने प्रारंभ की लंगर सेवा
मध्यप्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र से सैकड़ो भक्त फूलमाल होकर जाते है पावागढ़
थांदला/झाबुआ रुद्रांश दर्पण। भूखे को भोजन प्यासे को पानी जय मातारानी के भाव को लेकर शिवशक्ति अमरनाथ सेवा समिति झाबुआ द्वारा नवरात्रि के पावन दिनों में पावागढ़ जाने वाले पैदल व वाहनों से जाने वालें यात्रियों के लिये झाबुआ के निकट फूलमाल में दाहोद मार्ग पर निशुल्क लंगर सेवा प्रारंभ की है। जानकारी देते हुए समिति के संचालक मनोज वर्मा, अमित पंवार ने बताया कि भोला भंडारा परिवार द्वारा अमरनाथ यात्रियों के लिए प्रतिवर्ष चंदनवाड़ी में लंगर लगाया जाता है ऐसे में समिति के सञ्चालक रहे स्वर्गीय गोविंदसिंह पंवार की तीव्र भावना थी कि अपने क्षेत्र में भी गुजरात के पावागढ़ मातारानी व , राजस्थान में रामदेवराजी के दर्शनार्थ जाने वालें यात्रियों के लिए शुद्ध फलाहार व भोजन प्रसादी का प्रबंध किया जाना चाहिए। इस वर्ष उनकी प्रेरणा से व समिति सदस्यों के अथक परिश्रम से नवरात्रि पर्व में एकम से प्रतिदिन दाहोद मार्ग फूलमाल पर यह लंगर प्रारंभ किया है जो नवमी तक चलेगा। लंगर के शुरुआत में प्रतिदिन सैकड़ों दर्शनार्थियों को फरियाली, फलाहार व चायपानी की सेवा की जा रही है।
थांदला झाबुआ समिति सदस्यों व समाज सेवकों का किया सम्मान
डूंगर मालवा के इस पहले लंगर में सेवा देने थांदला समिति सदस्य पवन नाहर, श्रीमंत अरोड़ा, तुलसी मेहते व झाबुआ के राजेन्द्र यादव, नीरज राठौड़, अजय पंवार, सतीश माहेश्वरी व निर्मल आचार्य का समिति संचालकों ने मातारानी की चुनरी ओढ़ाकर सम्मान किया। इस अवसर पर भोला भंडारा परिवार थांदला ने झाबुआ समिति द्वारा गोविंद दादा की याद में शुरू किये गए लंगर में सेवा देते हुए अंचल के अन्य सामाजिक संगठनों से अनुरोध करते हुए कहा कि झाबुआ ज़िलें में चलाये जाने वालें लंगर के रूप में मातारानी व भगवान के भक्तों की सेवा का पुनीत पावन अवसर मिल रहा है जिसमें तन मन धन से सहयोग करें व स्वयं यहाँ आकर अपने समयानुसार लंगर में सेवा दे।
इनका सहयोग रहा सराहनीय
शीव शक्ति अमरनाथ सेवा समिति झाबुआ द्वारा शुरू किए लंगर में समिति संचालक मनोज वर्मा, स्थान सहयोगी भूरजी डामोर के साथ ही अमीत पंवार, हितेन्द्र बुन्देला, नितेश चौहान, तरुण बाबेल, अजय भूरिया, अवधेश सोनी, टीकम कहार, कुलदीप वर्मा, सतीश कहार, मोनु वर्मा, मुकेश अजनार कनिराम, फरू सैय्यद, कुन्दन यादव, भेरूसिंह साकला, सुमित सिंह पंवार, विनित पंवार आदि का सहयोग सराहनीय रहा।