झाबुआ : लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए उठे सैकड़ों हाथ, राजनीति का हो शुद्धिकरण
झाबुआ रुद्रांश दर्पण:
राजनीति में शुचिता के पुनस्र्थापन और स्वच्छ नेतृत्व के चयन से क्षेत्र के विकास को गति देने के उद्देश से चलाए जा रहे जनप्रहरी अभियान से सोमवार को शहर के युवा और अलग अलग सामाजिक संगठनों के सैकड़ों लोग जुड़े। उन्होंने हाथ उठाकर सामूहिक रूप से लोकतंत्र को मजबूत बनाने की शपथ ली। सभी ने कहा कि इस अभियान से जिले और प्रदेश में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा। जब जनता तय कर लेगी कि हम अपना नेतृत्व किसी दागदार व्यक्ति को नहीं सौंपेंगे तो राजनीतिक दल भी ऐसे लोगों को टिकट देने से बचेंगे। सभी ने स्वच्छ छवि और युवा नेतृत्व को आगे लाने की जरूरत बताई।
लोकतंत्र को मजबूत बनाने की शपथ ली: कार्यक्रम के दौरान सभी ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने की शपथ लेते हुए कहा कि हम शत प्रतिशत रूप से मतदान करते हुए साफ -सुथरी और बेदाग छवि वाले नेतृत्व को चुनेंगे। शपथ वरिष्ठ एमएस फु लपगारे ने दिलाई।
सही नेतृत्व का चुनाव करना जरूरी
युवा सपना चौधरी कहती हैं लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए सही नेतृत्व का चुनाव जरूरी है। तभी हमारा जिला, प्रदेश और देश विकास के नए आयाम स्थापित कर पाएगा। राजनीति में महिलाओं को स्थान जरूर मिला है, लेकिन अब भी कई जगह पिता, पति या भाई आगे नजर आते हैं। बदलवा के लिए महिलाओं को मजबूती के साथ खुद को साबित करना होगा।
करते हुए समाज को नेतृत्व प्रदान करना होगा।
राजनीति में स्वच्छ छवि वालों की जरूरत
सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरज सिंह राठौर के अनुसार हम अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी किसे सौंप रहे हैं। आज राजनीति में स्वच्छ छवि वाले लोगों की आवश्यकता है। तभी सही मायने में विकास हो सकता है। इसके लिए धूमिल छवि वालों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा।
राजनीति में नजर नहीं आती है सुचिता
ज्योति का कहना है कि राजनीति में अब सुचिता नजर नहीं आती। इस स्थिति में बदलाव लाना बेहद जरूरी हो गया है। कई जगह बाहुबली और आपराधिक किस्म के लोग चुनाव लडक़र जीत जाते हैं। आज समाज को स्वच्छ नेतृत्व की आवश्यकता है जो लोगों के लिए काम कर सके।
तय हो जनप्रतिनिधियों का शैक्षणिक मापदंड
संजना बारिया कहती हैं कि किसी भी क्षेत्र में आपको यदि आगे आना है तो शिक्षा ही एक मात्र मध्यम होती है, लेकिन राजनीति में ऐसे कोई मापदंड नहीं है। यदि शिक्षित नेतृत्व होगा तो वह ज्यादा बेहतर तरीके से योजनाओं को धरातल पर ला सकेगा। इसलिए पंच- सरपंच से लेकर विधायक और सांसद तक अलग अलग शैक्षणिक मापदंड तय होना चाहिए।
लालच व भय के बिना सही नेतृत्व चुनें
हरीश शाह लाला भाई कहते हैं अब चुनाव धन बल और बाहुबल से लड़े जाने लगे हैं। कुछ लोग प्रलोभन में आकर गलत व्यक्ति का चुनाव कर लेते हैं। लालच या भय के बिना सही नेतृत्व का चुनाव करें ताकि हमारा भविष्य बेहतर हो।
सभी दल 25 फ ीसदी युवाओं को मौका दें
युवा प्रांजल नीमा कहते हैं राजनीति में युवाओं के लिए भी एक क्राइट एरिया होना चाहिए। हर राजनीति दल को चाहिए कि वे 25 प्रतिशत युवाओं को नेतृत्व प्रदान करने के लिए आगे लाएं। जब राजनीति में युवाओं की हिस्सेदारी होगी तो वे नई सोच के साथ देश को आगे लेकर जाएंगे।