धार - देवऋषि नारद जयंती समारोह का हुआ आयोजन, पत्रकारों ने समझा देवऋषि नारद के संवाद का तरीका
धार। विश्व संवाद केंद्र मालवा द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी देवऋषि नारद जयंती समारोह का आयोजन प्रेस क्लब धार के सहयोग से किया गया। आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में स्वदेश अखबार के संपादक श्री शक्तिसिंह जी परमार इंदौर एवं वरिष्ठ लेखक व समाजसेवी श्री अरविंद जी पंडित, इंदौर मौजूद रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री ज्ञानेंद्र जी त्रिपाठी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ आद्य संवाददाता देवऋषि नारद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता संपादक शक्तिसिंह परमार ने कहा कि देव ऋषि नारद जी ऐसे पत्रकार थे जिनका तीनो लोको में संवाद था। उनका कोई घर नही था लेकिन वे जहां भी जाते थे , चाहे वह देव हो दानव हो या मानव हो उनका स्वागत होता था। देवऋषि का संवाद हमेशा समाज हित, राष्ट्र हित और धर्म हित में होता था। लेकिन 80 एवं 90 के दशक में देव ऋषि नारद की भूमिका को विकृत करने का प्रयास किया गया। देव ऋषि का संवाद ऐसा कभी नही रहा जो समाज या देश के विपरीत हो, लेकिन फिर भी उनकी छवि को विकृत करने का एजेंडा चलाया गया। पत्रकारिता में हम वाग्देवी मां सरस्वती को ही पूजते है लेकिन ब्रह्माण्ड के प्रथम संवाददाता की भी हमे पूजा करनी चाहिए।
श्री परमार ने कहा कि देवऋषि के संवाद का किसी एक पक्ष से लेना देना नही रहता था। वे अपनी बात देव, दानव और मानव तीनों से स्पष्ट कहते थे। आज हमें पत्रकारिता में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा संवाद सृजन की बजाय विध्वंस ना बने। आज हमे इस बात को स्वीकार करना होगा कि हमे आज के समय में देवऋषि की तरह संवाद का तरीका अपनाना होगा। आज की पत्रकारिता एक पक्षीय ना हो। हमारी पत्रकारिता समाज हित, राष्ट्र हित और धर्म हित में हो। मुख्य वक्ता श्री परमार ने सोशल मीडिया को लेकर कहा कि सोशल मीडिया आज के समय मे संवाद का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है , उसको लेकर विचार करने की आवश्यकता है तथा उसका दुरुपयोग कैसे रोका जाए यह भी विचार करना होगा।
वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ लेखक अरविन्द पंडित ने कहा कि वक्त के साथ चीजे बदली है लेकिन सनातन का आधार ऋषियों का मार्गदर्शन है। हमें पत्रकारिता का संवाद देवऋषि नारद से समझना होगा। कार्यक्रम के अंत मे अपेक्षा वचन देते हुए जिला प्रचार प्रमुख जगदीश आचार्य कानवन ने कहा कि वर्तमान पत्रकारिता के परिदृश्य में पत्रकार जगत के आराध्य देवऋषि नारद के आदर्शों एवं नैतिक मूल्य हम सबके लिए प्रेरणादायी एवं स्मरणीय है। कार्यक्रम का संचालन यश अग्रवाल ने किया।