50 प्रतिशत महिलाओं की ईकेवायसी नहीं:सेवा मित्रों की टीम करेगी सहयोग, काम की रफ्तार बढ़ेगी; संयुक्त मोर्चा की हड़ताल हुई समाप्त
प्रदेश सरकार की अति महत्वपूर्ण लाड़ली बहना योजना में हितग्राहियों की ईकेवायसी ना होना बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। करीब 50 प्रतिशत महिलाओं का समग्र-आधार लिंकअप नहीं हुआ है। इसको लेकर ऑनलाइन सेंटरों पर काम किया जा रहा है, लेकिन रफ्तार धीमी है। अब ईकेवायसी के लिए सेवा मित्रों का सहयोग लिया जा रहा है।धार नगरपालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला ने बताया कि ईकेवायसी करने के लिए पहले बड़े वार्डों को फोकस किया जा रहा है। जहां पर इस तरह की दिक्कतें है। वहां पर 10 सेवा मित्रों की मदद ली जा रही है। यह लोग लेपटॉप लेकर कैम्पों में बैठेंगे और सिर्फ ईकेवायसी का काम करेंगे। इसी तरह की व्यवस्थाएं अन्य क्षेत्रों में की जा रही है।
मैदानी अमले की मदद मिलेगी
लाड़ली बहना योजना में 30 अप्रैल तक शत प्रतिशत लक्षित महिलाओं के फॉर्म अपलोड करने के लक्ष्य को लेकर जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा सहित अन्य अधिकारी पंचायत-पंचायत योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रख रहे हैं। अभी तक के धीमे प्रदर्शन में अच्छी खबर सामने आई है। मंगलवार 4 अप्रैल से लाड़ली बहना योजना के हितग्राहियों को केन्द्र तक लाने व ईकेवायसी सहित अन्य काम में मदद के लिए मैदानी अमला बढ़ने वाला है। क्योंकि संयुक्त मोर्चा ने अपनी हड़ताल को समाप्त कर दिया हैं।
हालांकि मध्यप्रदेश बुलंद नारी शक्ति संगठन के बैनर तले प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की हडताल जारी है। इधर 5 अप्रैल के बाद से रोजगार सहायक सचिव भी हड़ताल को समाप्त कर सकते है। पंचायतों में लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन में रोजगार सहायकों की कमी साफ नजर आ रही है। दरअसल 11 नगर निकायों के अतिरिक्त हितग्राहियों का सबसे बड़ा वर्ग जिले की 763 पंचायतों में निवास करता है।सर्वर पर लोड, पोर्टल धीमा
5 मार्च से योजना का शुभारंभ हुआ है। बीते 8 दिनों में लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर लोड बढ़ने से सर्वर की रफ्तार धीमी है। यही कारण है कि सुबह से लेकर रात तक काम करने के बावजूद फार्म अपलोड करने की रफ्तार धीमी है। ईकेवायसी के बगैर लाड़ली बहना योजना का फॉर्म स्वीकृत नहीं होगा। धार मुख्यालय से ईकेवायसी की स्थितियों को देखा जा सकता है। यहां पर करीब 31 हजार के लगभग महिलाओं को योजना के तहत पात्रता की श्रेणी में चिह्नित किया गया है। 2 अप्रैल शाम तक करीब 12 हजार महिलाओं की ईकेवायसी हो पाई है। अभी भी 19 हजार महिलाओं की ईकेवायसी होना है। यहां पर सीएमओ निशिकांत शुक्ला मंगलवार से 10 लोगों की टीम को सिर्फ ईकेवायसी की जिम्मेदारी देने वाले है।