वारासिवनी। जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत कायदी की सरपंच श्रीमती रेखा जितेन्द्र नगरगड़े को न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी विहित प्राधिकारी जिला पंचायत बालाघाट विवेक कुमार द्वारा गत 6 मार्च को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 (क) के तहत पद से पृथक करने के आदेश पर कमिश्नर जबलपुर संभाग द्वारा 17 मार्च को मामले की सुनवाई के बाद प्रकरण के अंतिम निराकरण तक स्थगन आदेश जारी कर दिया गया हैं। 
6 मार्च को जिला पंचायत सीईओ ने किया था पद से पृथक का आदेश जारी
         उल्लेखनीय हैं कि जिला पंचायत बालाघाट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार द्वारा 6 मार्च 23 को जारी आदेश के अनुसार सरपंच द्वारा सामुदायिक चारागाह,, पोषण वाटिका एवं खेत तालाब कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण मजदूरों को रोजगार प्रदाय नहीं किया जा सका। वहीं वरिष्ठ कार्यालय द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशों के बाद भी ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य नहीं कराये जाने के आरोप के कारण पद से पृथक करने के साथ आगामी 6 वर्षो के लिए निरर्हित घोषित कर दिया गया था। 
कमिश्नर जबलपुर संभाग के न्यायालय में की थी अपील
       जिला पंचायत बालाघाट के आदेश के खिलाफ ग्राम पंचायत कायदी की सरपंच श्रीमती रेखा जितेन्द्र नगरगड़े ने कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर के न्यायालय में अपील पेश की थी। जिसकी सुनवाई 17 मार्च 23 को हुई। जिसमें सरपंच श्रीमती नगरगड़े की ओर से अधिवक्ता सुश्री वर्षा कोठारी ने कमिश्नर जबलपुर संभाग के न्यायालय में मुख्य कार्यपालन अधिकारी विहित प्राधिकारी जिला पंचायत बालाघाट के प्रकरण क्रमांक 04/अ-89(1)/2023-24 में पारित आदेश 6 मार्च 23 से व्यथित होकर धारा 91 मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 सहपठित नियम 3 मध्यप्रदेश पंचायत(अपील तथा पुनरीक्षण) नियम 1995 के अंतर्गत अपील आवेदन पत्र, स्थगन आवेदन पत्र, शीघ्र सुनवाई आवेदन पत्र एवं दस्तावेज सहित प्रस्तुत किए थे।
अधिवक्ता के तर्क सुनने के बाद प्रकरण किया ग्राह्य, दिया अंतिम निराकरण तक स्थगन
      जिस पर न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया और अधिवक्ता सुश्री वर्षा कोठारी के प्रारंभिक तर्क सुनने के बाद प्रकरण विचारार्थ ग्राह्य किया गया। वहीं अपीलार्थी द्वारा अधीनस्थ न्यायालय के आलोच्य आदेश के क्रियान्वय को स्थगित किए जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर उसका अवलोकन करने के बाद कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर ने 6 मार्च 23 के आदेश के क्रियान्वयन पर प्रकरण के अंतिम निराकरण तक स्थगन आदेश जारी करते हुए अधीनस्थ न्यायालय से मूल अभिलेख बुलाने का आदेश जारी किया और मूल अभिलेख हेतु 29 मार्च 23 की तिथि तय की हैं।  
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