वारासिवनी -उच्च न्यायालय में लगी अवमानना याचिका पर जागा प्रशासन छोटी नहर की भूमि पर बनी कुछ अतिक्रमणकारियों की बाऊंड्रीवाल व सीढ़ी को तोड़ा 18 दुकानदारों को मिला हुआ हैं उच्च न्यायालय से स्टे 55 अतिक्रमणकारियों पर होनी हैं कार्यवाही-----
वारासिवनी। उच्च न्यायालय जबलपुर में आगामी 1 मई तक वारासिवनी क्षेत्र की नहरों पर किए गए अतिक्रमणों को हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के बाद गुरुवार को अधिकारियों द्वारा नहर की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई।
यह कार्यवाही एसडीएम के सी बोपचे के मार्गदर्शन में तहसीलदार राजेन्द्र टेकाम व राजस्व अमले के साथ ही नगरपालिका सीएमओ दिशा डहेरिया, थाना प्रभारी शंकरसिंह चौहान, सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अमले द्वारा की गई। नहर की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का प्रारंभ वार्ड नं. 4 से किया गया। जिसमें कुछ लोगों की बाऊंड्रीवाल को तोड़ा गया और जिन लोगों के मकान का कुछ हिस्सा नहर की भूमि पर आ रहा था, उनसे लिखित में पत्र लेकर स्वयं अतिक्रमण हटाने के लिए 2 दिनों का समय दिया गया।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर हुई दिखावटी कार्यवाही
कुल मिलाकर यह कहा जाए कि नहर की भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश का आज अधिकारियों द्वारा सिर्फ मखौल उड़ाया गया है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही सिर्फ दिखावटी नजर आई।
55 लोगों का हटाना था अतिक्रमण
तहसीलदार राजेन्द्र टेकाम के अनुसार नहर की भूमि पर कुल 73 लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया हैं, जिसमें से 18 लोगों को उच्च न्यायालय जबलपुर से स्टे मिला हुआ हैं। शेष 55 लोगों का अतिक्रमण आज हटाया जाना था। नहर की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गुुरुवार की सुबह लगभग 11 बजे वार्ड नं. 4 से प्रारंभ की गई थी, जो मात्र 3 घंटे में बस स्टैंड क्षेत्र तक पहुॅच गई। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की हैं या फिर अपने आप को अवमानना से बचाने के लिए सिर्फ उच्च न्यायालय के आदेश को अदा करने की रस्म अदायगी की हैं?
बड़ी नहर से निकल कर जय स्तम्भ चौक तक आई हैं छोटी नहर
विदित हो कि वार्ड नं. 3 में बालाघाट मुख्य सडक़ मार्ग पर स्थित श्री गणेश मंदिर के पीछे से होकर बहने वाली बड़ी नहर से छोटी नहर की शाखा निकली हैं। यह छोटी नहर बालाघाट मुख्य सडक़ मार्ग को क्रास करते हुए वार्ड नं. 4 में पहुॅची और फिर वहॉ से बैगा मोहल्ला होते हुए टिहलीबाई माध्यमिक शाला के पीछे से होते हुए बल भीम कालोनी, वन विभाग कार्यालय के अंदर से होते हुए पानी की टंकी के पास से होकर बस स्टेंड से होते हुए जय स्तम्भ चौक के पास पेट्रोल पंप के सामने से आगे बढ़ते हुए निकलती थी। इस छोटी नहर से पूर्व में इन स्थानों के आसपास स्थित कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पानी प्रदान किया जाता था।
कृृषकों ने बेची जमीन, कालोनाईजरों ने बना दी अवैध कालोनी
लेकिन धीरे-धीरे कृषकों ने अपनी कृषि भूमि पर कृषि करना बंद कर उस पर प्लॉट बनाकर अवैध रुप से कालोनियों का निर्माण कर नागरिकों को बेच डाला। जिसके बाद वहॉ पर नगरपालिका में बैठे हुए अधिकारियों व पदाधिकारियों के सहयोग से बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे बनकर रहवासी इलाके में परिवर्तित हो गए। इन अवैध कालोनियों से एक ओर जहॉ नगरपालिका को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ, वहीं जनप्रतिनिधियों की वोट राजनीति के कारण इन अवैध कालोनियों में जनता से वसूली गई राजस्व राशि से विभिन्न निर्माण कार्य भी करवा दिए गए।
कालोनाईजरों व नागरिकों को फायदों पहुॅचाने नपा ने छोटी नहर पर बना दी सीसी सडक़
अवैध कालोनियों में रहने वाले नागरिकों व कालोनाईजरों को फायदा पहुॅचाने के फेर में नगरपालिका में बैठे हुए जनप्रतिनिधियों ने इन स्थानों से होकर गुजरने वाली छोटी नहर के ऊपर सीमेंट कांक्रीट की सडक़ बनाकर इस नहर को ही बंद कर दिया। जिसका परिणाम यह निकला कि धीरे-धीरे करके शेष बची हुई छोटी नहर की भूमि पर नागरिकों ने भी अतिक्रमण कर नहर को समाप्त ही कर दिया। वर्तमान समय में इस पूरे क्षेत्र से छोटी नहर की पूरी भूमि लुप्त हो चुकी हैं।
नहर को अतिक्रमणमुक्त करने हाईकोर्ट ने 2016 में दिया था आदेश
इस मामले को जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय जबलपुर में उठाने के बाद वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय जबलपुर ने छोटी नहर की भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के आदेश दिए थे। लेकिन पिछले 7 वर्षो में प्रशासन ने सिर्फ नोटिस भेजने की खानापूर्ति ही की थी। इसी बीच बस स्टैंड क्षेत्र में स्थित 18 दुकानदारों, जिन्हें नगरपालिका परिषद ने छोटी नहर की भूमि पर लीज दे दी थी, उनके द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका लगाकर वर्ष 2019 में स्टे हासिल कर लिया गया था। जो आज भी यथावत हैं।
अवमानना याचिका पर 1 मई 23 तक पेश करना हैं जवाब
प्रशासन द्वारा 7 वर्षो तक छोटी नहर की भूमि को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराने पर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय जबलपुर में अवमानना याचिका दायर की थी। जिसके बाद उच्च न्यायालय जबलपुर से जिला प्रशासन से जवाब मॉगा गया हैं और 1 मई 23 तक पालन प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद कलेक्टर बालाघाट के निर्देश पर एसडीएम वारासिवनी व तहसीलदार द्वारा छोटी नहर की भूमि पर अतिक्रमण करने वाले 73 लोगों को नोटिस जारी कर 13 मार्च तक अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस बीच बस स्टेंड क्षेत्र के 18 दुकानदारों को उच्च न्यायालय जबलपुर से वर्ष 2019 में स्टे मिलने की जानकारी प्रशासन के सामने आने पर अन्य 55 लोगों के अतिक्रमण तोडऩे की कार्यवाही गुरुवार से प्रारंभ की गई। जो सिर्फ दिखावे की कार्यवाही साबित हुई हैं।
अब देखना यह हैं कि प्रशासन एक मई 23 के पहले वास्तव में छोटी नहर की भूमि को अतिक्रमणकारियों की गिरफ्त से मुक्त कराने में सफल हो पाता हैं या नहीं?
इनका कहना हैं:-
वर्ष 2016 से अतिक्रमण प्रकरण दर्ज थे, जिनमें बेदखली के नोटिस भी जारी किए गए थे। पूर्व में सूचित किए जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। यह मामला हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं। इनको सूचित करके 55 लोगों के अतिक्रमण हटाये जा रहे हैं। वहीं 18 लोगों को स्टे मिला हैं, कुल 73 लोगों का अतिक्रमण हैं।
राजेन्द्र टेकाम तहसीलदार वारासिवनी।
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