गरीब को गिरफ्तारी के साथ ही मिलेगी कानूनी मदद
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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से अनुमति के बाद 01 वर्ष के लिए संविदा के आधार पर चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल, डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल को नियुक्त किया गया है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राजेन्द्र देवड़ा ने बताया कि डिफेंस काउंसिल सिस्टम का सबसे ज्यादा लाभ वंचित व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति स्त्री. बालक, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, विकलांग, औद्योगिक कर्मकार या ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 2 लाख रूपये से कम है, उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने पर विधिक सेवा प्राधिकरण उसकी तरफ से कोर्ट में बचाव पक्ष रखने के लिए निःशुल्क वकील उपलब्ध करवाएगा है।

इसके पूर्व पैनल में शामिल वकीलों को निजी प्रैक्टिस की अनुमति भी होती है, जिसके चलते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सौंपे गए मामलों पर यह वकील अपना पूरा ध्यान नहीं दे पाते थे और इसका सीधा नुकसान पक्षकार को होता है, परन्तु अब नई व्यवस्था के चलते डिफेंस काउंसिल के रूप में नियुक्त वकील को एक ही काम करना पड़ेगा। अब इन वकीलों को निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होगी। इससे आरोपी को भी न्यायालय में अपना पक्ष रखने में आसानी होगी। पहले चरण में यह प्रक्रिया मध्य प्रदेश के 19 जिलों में लागू की गई है। डिफेंस काउंसिल सिस्टम की सुविधा केवल आपराधिक मामलों में आरोपीगगण को ही मिलेगी फरियादी की तरफ से न्यायालय में उसका पक्ष रखने के लिए पहले से शासन की ओर से अभियोजन अधिकारी नियुक्त है।