बालाघाट - वन स्टॉप सेंटर द्वारा मिला अनाथ महिला को सहारा-----
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री वंदना धूमकेती के मार्गदर्शन मे प्रशासक सुश्री रचना चौधरी के वन स्टॉप सेंटर (सखी) द्वारा पारिवारिक झगड़े मे सतत परामर्श कर मतभेद को दूर कर दांपत्य जीवन पुनः स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। इसी कड़ी में वन स्टाप सेंटर ने एक अनाथ महिला को सहारा देकर उसका जीवन संवार दिया है।
यह कहानी है- उत्तरा (परिवर्तित नाम) कि जो बचपन से अनाथ एवं अनपढ़ थी और मेहनत मजदूरी करती थी । इसी बीच उत्तरा की मुलाकात अजय(परिवर्तित नाम) से हुई। दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। अजय ने शादी का प्रस्ताव रखा तो प्रेम के लिए तरसती उत्तरा ने अजय का अपने प्रति प्रेम देखकर शादी के लिए हामी भर दी और दोनों ने मंदिर मे शादी कर ली और प्रेम पूर्वक जीवन निर्वहन करने लगे। किन्तु इसी बीच उत्तरा को पता चला कि अजय पहले से ही शादी शुदा है और दो बच्चो का पिता है । उत्तरा द्वारा अजय से पूछने पर अपनी गलती स्वीकार की गई एवं माफी भी मांगी गई। अजय ने विश्वास दिलाया कि पहली पत्नी से रिश्ता खत्म हो चुका है ।
कुछ दिन पश्चात उत्तरा ने बेटे यथार्थ को जन्म दिया। इसी बीच सब ठीक चलता रहा किन्तु अजय के व्यवहार मे परिवर्तन आने लगा। अजय शराब पीकर उत्तरा को मारपीट करता और भरण-पोषण भी नहीं करता। अजय अपनी पहली पत्नी व बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताने लगा । उत्तरा स्वयं व बच्चे की आवश्यकता की पूर्ति के लिए परेशान रहने लगी, उत्तरा ने छोटी सी चाय नाश्ता की दुकान खोल ली । किन्तु अजय द्वारा उत्तरा के चरित्र पर शक कर, मारपीट, गाली- गलौच करना एवं रोज दुकान मे आकर तोड़-फोड़ कर सारे पैसे लेकर शराब पीकर परेशान करने लगा। एक दिन अजय ने उत्तरा को फावड़े से जान से मारने की कोशिश की। जिस कारण उत्तरा अत्यधिक डर गई वह बेटे के साथ बस बैठकर बालाघाट थाना मदद मांगने पहुंच गई ।
पुलिस द्वारा उत्तरा व यथार्थ को सुरक्षित आश्रय के लिए वन स्टॉप सेंटर लाया गया। जहां उत्तरा का मनोवैज्ञानिक परामर्श परामर्शदाता श्रीमति खुशबू गौतम द्वारा किया गया । जिसमे उत्तरा द्वारा अपनी सम्पूर्ण व्यथा बताई गई तत्पश्चात अजय को वन स्टॉप सेंटर बुलवाया गया व निरंतर एकल एवं संयुक्त परामर्श किया गया। अजय द्वारा उत्तरा से झूठ बोल कर विवाह करना, शक करना जैसे गलती स्वीकार की गई और उत्तरा से माफी मांग कर अंतिम मौका देने के लिए विश्वास दिलाया गया। उत्तरा भी अजय को अंतिम मौका देना चाहती थी और पुन: किसी तरह से प्रताड़ित करने पर आगे की न्यायालयीन कार्यवाही की जाएगी, यह कहा गया। दोनों पक्षों को आपस में विश्वास हुआ, उत्तरा अजय के साथ घर जाने तैयार हो गई। उत्तरा का निरंतर फॉलोअप लिया जा रहा है। दोनों साथ में सुखमय दाम्पत्य जीवन का निर्वहन कर रहे हैं एवं दोनों पक्षों द्वारा वन स्टॉप सेंटर का आभार व्यकत किया गया । इस तरह से वन स्टाप सेंटर की मदद से एक महिला का बिखरने जा रहा जीवन संवरने लगा है।