वारासिवनी
जनसहयोग से किया जा रहा माध्यमिक शाला का कायाकल्प प्रदेश की ऐतिहासिक एवम् ख्यातिनाम शैक्षणिक संस्था टिहली बाई शासकीय माध्यमिक शाला के संस्थापक व प्राचार्य स्वर्गीय दादूलाल पालीवाल की स्मृति में निर्मित भव्य, विशाल एवम् आकर्षक प्रवेश द्वार का लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रणय श्रीवास्तव,  विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आर एस मर्सकोले की अध्यक्षता एवं अधिवक्ता खिलाड़ी गणेश सिंह ठाकुर, पार्षद पवन धुर्वे एवम् विश्वेश्वर दमाहे के विशेष आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक शिक्षक पंचम हनवत ने पूजन कार्य सम्पन्न करवाया एवम् विस्तृत जानकारी दी। इस प्रवेश द्वार के लोकापर्ण के बाद से ही अनेकों पूर्व छात्र मोबाइल पर सेल्फी लेने पहुॅचने लगे है। इस मौके पर अतिथियों ने कहा कि आज
एक ऐतिहासिक एवम् महत्वपूर्ण दिन हैं, आज के ही दिन स्वर्गीय इंदिरा गांधी भारत की चौथी प्रधानमंत्री एवम् देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी के रुप में शपथ ली थी। ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर टिहली बाई शासकीय माध्यमिक शाला वारासिवनी जैसी प्राचीन और ख्यातिनाम संस्था के संस्थापक प्राचार्य रहे सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्वर्गीय दादूलाल पालीवाल की स्मृति में  प्रवेश द्वार का लोकार्पण होना निश्चित ही ऐतिहासिक उपलब्धि हैं। जब भी नगर के पूर्व विद्यार्थी या नागरिक इस संस्था के सामने से निकलेंगे, यह प्रवेश द्वार उन्हें सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। स्वर्गीय दादूलाल पालीवाल जैसे विद्वान के आदर्श उन्हें प्रेरित करेंगे। अतिथियों ने नगर के सभी शिक्षा प्रेमियों से अपील की कि वह जनभागीदारी से निरंतर होते जा रहे टिहलीबाई शासकीय माध्यमिक शाला के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में आत्मीय सहयोग प्रदान कर संस्था का गौरव बनाये रखने में सहयोग प्रदान करे। इनका रहा सहयोग संस्था प्रधानपाठक युरेन्द्र हनवत, निर्माण कार्य से सम्बद्ध गुड्डू पटले, पर्यावरण मित्र विश्वेश्वर दमाहे, नाम पट्टिका निर्माता जगलाल ठाकरे, निर्माण सहयोगी एवम् जनभागीदारी से जुड़े संस्था प्रेमी संतोष शिवने, इकबाल कुरैशी, रमेश येरपुड़े, वीरेंद्र वर्मा, जी एल वाघाड़,े प्रदीप जैन, पूर्व प्राचार्य जी एल बिसेन, घनश्याम चौरागड़े, कामाख्या ट्रेडर्स, वाय आर एडे, विक्की डोंगरे, विकेश कुमरे, मनोज जैन, एस एस सैयाम, के एल चौहान, राम चौहान, उप प्राचार्य हुमराज पटले, पी डी बाहेश्वर, सी एम राईस प्राचार्य शैलेन्द्र गुप्ता, कमला नेहरू प्राचार्य डी सी डहरवाल, बॉबी परिहार, भूपेंद्र भगत, के खंडेलकर, कमल टेम्भरे, खोब्रागड़े, प्रवीण खरोले, नकुल गोंडाने, योगेश कटारे, विजय वहिले, विजय दखने, राजेश सोनेकर, राजेश लिमजे, पी टी ए अध्यक्ष धनेंद्र सोनेकर, समस्त शिक्षिकाओं आदि सभी आत्मीय जनों, शिक्षा संस्था के प्रेमियों का सक्रिय सहयोग एवम् अनुदान से पूरे वारासिवनी शहर में यह प्रवेश द्वार जन आकर्षण का केंद्र बन गया है। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कला एवम् संस्कृति न्यास भोपाल से सुप्रिया कुमार एवम् उनकी टीम भी संस्था की प्राचीन जानकारी लेने उपस्थित रही। विद्यालय शिक्षक पंचम हनवत ने बताया कि यह कार्य बिना किसी सरकारी सहयोग के पूर्णत: जनसहयोग से करवाया जा रहा हैं, ताकि इस विद्यालय के मोहब्बती विद्यालय के इतिहास को जाने एवम् विद्यालय के स्वर्णिम इतिहास को अक्षुण्ण बनाने में अपनी महती भूमिका निभाये।