शिव जी के नाम की महिमा अपार है। भगवा न शंकर जी के अनेक नाम हैं। उन्हें अपने नामों में सर्वाधिक प्रिय नाम महादेव है। शिवजी का भक्त
यदि शिव मंदिर में जाकर उनके विग्रह के समक्ष उच्च स्वर से महादेव, महादेव का उच्चारण करता हैं। तो जैसे बछड़े की ध्वनि सुनकर उसकी मां गाय बछड़े के पीछे दौडऩे लगती हैं, जैसे इंद्रियों के विषय रस पाने के लिए मन
विचलित हो उठता है, उसी प्रकार भगवान शिवजी अपने भक्त के पीछे अपना वरदहस्त उठाकर दौड़ जाते हैं।
शिवलिंग के सामने 3 बार महादेव का नाम लेने से भगवान होते हैं प्रसन्न
         इस आशय का ज्ञान वारासिवनी जनपद पंचायत के अन्तर्गत ग्राम कोचेवाही में डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य
मुकुंद कृष्ण जी महाराज द्वारा शिव पुराण के दौरान श्रद्धालुओं को दिया गया। उन्होंने कहा कि शिव मंदिर में प्रवेश करके विराजित शिवलिंग के समीप
महादेव इस नाम के तीन बार उच्चारण उच्च स्वर से शिवमूर्ति या शिवलिंग के समीप उच्चारण करने से आशुतोष भगवान इतने प्रसन्न हो जाते हैं कि पहले
नामोच्चारण मात्र से वह अपने भक्त या साधक को मोक्ष का अधिकारी बना देते हैं। दो बार किए गए नाम उच्चारण से वह स्वयं अपने भक्त, उपासक, आराधक या पूजक के सदैव ऋणी हो जाते हैं।
स्फटिक मणिमय शिवलिंग सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है
      उन्होंने कहा कि महादेव महादेव महादेवेति यो वदेत। एकेन मुक्तिमाप्नोति द्वाभ्यां शम्भू ऋणी भवेत।। भगवान शंकर के पार्थिव शिवलिंग की पूजा का शास्त्रीय विधान जगत प्रसिद्ध है। उनके शिवलिंग संसार में सर्वत्र पाए जाते हैं। स्फटिक मणिमय शिवलिंग सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण करने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त पारदमय पारे का शिवलिंग सभी ऐश्वर्य को देने में समर्थ है। नर्मदा नदी से प्राप्त पाषाणमय शिवलिंग जिसे नार्मद शिवलिंग कहते हैं, यह भी सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति
में सहायक है।
नर्मदा से प्राप्त शिव लिंग की प्राण प्रतिष्ठा नहीं करनी होती
   उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि नर्मदा नदी से
प्राप्त शिव लिंग की प्राण प्रतिष्ठा नहीं करनी होती हैं, वह स्वयं में
ही प्रतिष्ठित होता हैं। इस दौरान सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य मुकुंद कृष्ण जी महाराज धर्मनगरी मां बम्लेश्वरी धाम डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ द्वारा
भोलेनाथ के जीवन पर आधारित झांकी सहित कथा का भक्त जनों को श्रवण कराया जा रहा हैं।
     इस अवसर पर आसपास के ग्राम से  भारी संख्या में कथा का श्रवण करने पहुंच रहे ग्रामीणों का ग्राम पंचायत कोचेवाही की सरपंच श्रीमती सुनीता मंजय सोनेकर, शिवपुराण समिति के सदस्य और समस्त ग्रामीणजनों द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
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