विकास यात्रा के दौरान कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह के मार्गदर्शन में 13 से 19 वर्ष तक की किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण व हीमोग्लोबिन जांच की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद हरणे ने बताया कि शहरी व ग्रामों में 13 से 19 वर्ष तक की शाला में अध्ययनरत् व शाला त्यागी किशोरियों की डिजिटल एच.बी. मीटर के माध्यम से हीमोग्लोबिन की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि 19 फरवरी तक 22709 किशोरियों की जांच की गई हैं, जिसमें शाला में अध्ययनरत् 19499 किशोरी एवं शाला त्यागी 3210 किशोरियां शामिल है। इसी क्रम में 12 ग्राम से अधिक एच.बी. वाली 12300 किशोरियां, 8 से 11 ग्राम एच.बी. वाली 10013 किशोरियां, 8 ग्राम से कम एच.बी. वाली 336, और 310 किशोरियां को स्वास्थ्य संस्था में रैफर किया। जिन किशोरियों का हीमोग्लोबिन स्तर कम है उन्हें प्रतिदिन आयरन गोली खाने के लिए दी गयी है। ताकि उनका रक्त का स्तर सामान्य आ सकेे। 
 सामान्य रक्त हीमोग्लोबिन स्तर कि किशोरियों को रोग निरोधी (प्रोफायलिटिक) आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम अंतर्गत सप्ताह में एक दिवस मंगलवार को नीली गोली दी जा रही है। साथ ही विद्यालयों में शिक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने ही खुराक दे रहे है। साथ ही एनिमिया कि किशोरियों को एक दिन में दो आई.एफ.ए. गोली प्रतिदिन तीन माह तक दिया जाना है, दिन कि एक खुराक शिक्षक अपने समक्ष देवेंगे तथा शाम कि एक खुराक घर पर स्वंय किशोरी द्वारा ली जायेगी। तीन माह पश्चात पुनः हीमोग्लोबिन स्तर कि जांच करेगें यदि हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य आता है तो पुनः प्रति सप्ताह 1 गोली अनुपूरण कार्यक्रम अंतर्गत दी जाएगी। गंभीर एनिमिया होने पर किशोरियों को नजदीकि स्वास्थ्य संस्था में रैफर करेगे एवं चिकित्सक के सुझाव के अनुसार उपचार प्रदान किया जाएगा।