निसरपुर- ब्लाक मुख्यालय पर स्थित ब्लाक के सबसे बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इन दिनों व्यवस्थाएं बिगड़ी नजर आ रही है----
जहा पिछले 10 से 12 दिनों से प्रसूता गर्भवती महिलाओं को भोजन नही मिल पा रहा। जब स्थानीय मीडिया साथीयो द्वारा इस समस्या को लेकर अस्पताल पहुचकर जमीनी हकीकत जानी तो पता चला कि खाद्य सामग्री के आभाव में मरीजों को भोजन व नास्ता नही मिल पा रहा है। सूत्रों की जानकारी अनुसार बताया की इसका सबसे बड़ा कारण कुछ दिनों पूर्व नवीन बीएमओ डॉ. बलराम नरगावे ने अस्पताल का चार्ज लिया गया ।तो उन्होंने आते ही पुराने जितने भी लेंन देंन है उस पर रोक लगा दि गई । इसका कारण की अस्पताल के पुराने बिलो का भुगतान किसी को भी देने से मना कर दिया गया।जिसके चलते किराना व्यापारी दूध व्यापारी आदि ने सामान देने से मना कर दिया। अधिकारी का कहना हैं कि पुराने बिल का भुकतान पूर्व अधिकारी करे । समय के हिसाब से चलूंगा जिसके कारण पिछले 10 से 12 दिनों से ना तो प्रसूता महिलाओ को ना ही सुबह नाश्ते में दूध, बिस्किट, थूली मिल पा रही हैं ना ही भोजन मिल रहा है। इस मामले में शुक्रवार को भी महिला वार्ड में दो महिलाएं जिनकी प्रसूति होने से भर्ती है जब उनसे चर्चा की तो मरीज पायल पति विजय निंबोल व सजन पति अर्जुन मलवाडी ने बताया कि दो दिनों से हम लोग अस्पताल में है सुबह का नास्ता भी नही दिया ना भोजन दिया गया मरीज पास के होटल से दूध व नास्ता का इंतजाम कर रहे है जब किचन में जाकर देखा तो सभी किराणा खत्म नजर आया साथ रोटी का आटा भी नही था। भोजन बनाने वाली महिला भी समान नही होने से नही आ रही हैं। जबकि जानकारी मिली कि अधिकारी को मैनेजमेंट अधिकारी ने 2 फरवरी से सामान की जानकारी दे दी गई थी लेकिन बीएमओ द्वारा अपने हिसाब से सामान लाने की बात पर अड़िग रहे जिससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई ओर 12 दिनों से भोजन नही मिला अब भोजन व नास्ता नही मिलने का पूरा ठीकरा नीचे के कर्मचारियों पर ढोल रहे। जबकि मैनेजमेंट अधिकारी ने खाद्यान की लिस्ट बता दी थी।बीएमओ डॉ.बलराम नरगावे से जब चर्चा की गई तो बताया कि अभी अस्पताल में कोई फंड नही है मेने मेरे हिसाब से एक माह का खाद्यान की व्यवस्था तत्काल की हैं। 10 से 12 दिनों के भोजन की बात है तो मैनेजमेंट अधिकारी ने मुझे बताया नही था।