खंडवा- कृषक आत्माराम आधुनिक तरीके से खेती करके लाभान्वित हुआ -------------
खण्डवा जिले के ग्राम बड़गांव पिपलौद निवासी कृषक श्री आत्माराम पटेल पूर्व में परंपरागत रूप से सोयाबीन, कपास, गेहू, चना की खेती किया करते थे, जिसमें निंदाई, गुड़ाई एवं दवाइयों पर बहुत अधिक खर्चा होता था। परंपरागत खेती में लागत की अपेक्षा मुनाफा बहुत कम मिलता था जिससे सिर्फ परिवार के खर्चे के साथ बहुत कम बचत हो पाती थी। साथ ही परंपरागत खेती में मौसम की अनिश्चितता के चलते कभी कभी नुकसान भी उठाना पड़ता था। कृषक द्वारा बताया गया कि जैविक खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में भी कृषक द्वारा केंचुआ खाद, वर्मी वश, जीवा अमृत, वेस्ट डीकम्पोजर और अन्य जैविक कीट नाशक आदि स्वयं तैयार कर बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा हैं। उद्यानिकी अधिकारियों से तकनीकी सलाह एवं अन्य विभागों जैसे- आत्मा, कृषि, मत्स्य विभाग आदि के मार्गदर्शन के साथ-साथ कृषि विज्ञानं केंद्र खंडवा से भी तकनीकी सलाह ले कर किसान द्वारा अभी बहुत ही उन्नत खेती की जा रही हैं। कृषक द्वारा ड्रिप, मल्चिंग का उपयोग किया जा रहा है जिससे फसल में खरपतबार की समस्या नहीं होती हैं एवं पानी की बचत भी हो जाती हैं साथ ही ड्रिप, मल्चिंग से खेती करने से फसल के उत्पाद की गुणवता व मात्रा दोनों ही बढ़ जाती हैं। कीट एवं रोगों का प्रकोप अपेक्षाकृत कम होता हैं साथ ही ड्रिप के माध्यम से फेर्टिगेशन कर खाद एवं दवाई सभी पौधों तक आसानी से पहुचा दी जाती हैं।
कृषक द्वारा बताया गया कि उन्होंने नवम्बर 2022 में मिर्च की खेती ड्रिप एवं मल्चिंग के साथ 1.60 हेक्टे. में लगाई है। जिसकी कुल लागत 1.20 लाख के लगभग आएगी, जिसका अभी बाजार मूल्य 30-35 रुपए प्रति किलो बाजार मूल्य हरी मिर्च का मिल रहा हैं जो कि एक्सपोर्ट क्वालिटी की होने से दुबई (विदेश) में भी सप्लाई हो रही है, जिससे अनुमानित 800- 900 क्विंटल कुल उत्पादन होने की सम्भावना हैं। जिससे अनुमानित 24.0-25.0 लाख रुपए की आय होने संभावना हैं, यदि इसी भाव से हरी मिर्च का बाजार मूल्य रहा तो हो सकता है यदि भाव बढ़ा तो और अधिक मुनाफा होने की संभावना है। कृषक द्वारा बताया गया कि उनके यहाँ उद्यानिकी विभाग की संरक्षित खेती योजनान्तर्गत शेडनेट हाउस रकवा 0.40 हेक्ट वर्ष 2017-18 में बनवाया था जिसमें विभाग द्वारा अनुदान राशि 17 लाख मुझे प्रदाय की गई। किसान अपने शेडनेट में किसानों की मांग अनुसार सब्जी (टमाटर, तरबूज, खरबूज, लोकी, खीरा, गिल्की आदि), मसाला (मिर्च, पीकाडोर मिर्च, शिमला मिर्च आदि), फूलों (गेंदा, सेवंती, नवरंगा आदि ) के रोपा तैयार कर बेचने का कार्य करते हैं, जिससे भी अच्छी आमदनी हो रही हैं।
कृषक द्वारा बताया गया कि वर्ष 2022-23 में मुझे “आत्मा” कृषि विभाग से नवाचार योजना के तहत 500 पौधे स्ट्रॉबेरी के प्रदाय किये गए थे, जिसमें स्ट्रॉबेरी के फल आना शुरू हो गये है। यह फसल हमारे क्षेत्र के लिए एक दम नई होने के कारण काफी उत्सुकता थी लेकिन इसके अपने क्षेत्र में बहुत ही अच्छे परिणाम रहेंगे ऐसी उम्मीद हैं। “आत्मा” कृषि विभाग द्वारा विकासखंड स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरुस्कार सम्मान स्वरुप मुझे प्रदाय किया गया।
कृषक द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 2012-13 में मुझे कृषि विभाग द्वारा बायोगैस सयंत्र बनवाने हेतु अनुदान दिया गया था जिससे मैंने बायोगैस सयंत्र अपने घर पर ही बनवाया था। यह सयंत्र आज भी चालु स्थिति में हैं उसकी गैस का उपयोग हम लोग खाना पकाने में कर रहे है एवं उत्पादित होने वाली स्लरी में ही केंचुआ छोड़ दिए हैं जिससे केंचुआ खाद भी तैयार हो रहा है जिसका उपयोग मैं अपनी खेती में कर रहा हूँ। प्रति वर्ष 3-4 लाख रूपए के केंचुआ मैं बेच देता हूँ, जिससे भी मुझे अच्छी आमदनी हो रही है। मैं धन्यवाद करता हूँ उद्यानिकी विभाग, आत्मा कृषि विभाग एवं कृषि विभाग तथा अन्य विभाग जिनके द्वारा मुझे सहयोग प्रदान किया जाता है। साथ ही मैं धन्यवाद देता हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी एवं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का जिन्होंने हम किसानों के लिए इतनी अच्छी सराहनीय योजनायें चलाई जा रही हैं।