झाबुआ -जिले की वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन----
झाबुआ 12 फरवरी, 2023। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी के मार्गदर्शन एवं लोक अदालत के नोडल अधिकारी/विशेष न्यायाधीश श्रीमान महेन्द्र सिंह तोमर जी के निर्देशन में दिनांक 11 फरवरी 2023 दिन शनिवार को झाबुआ जिले की वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय परिसर झाबुआ में प्रातः 10ः30 बजे माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी एवं न्यायाधीशगणों के द्वारा महात्मा गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्रीमान महेन्द्र सिंह तोमर, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री संजय चौहान, द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री भरत कुमार व्यास, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री गौतम सिंह मरकाम, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विजय पाल सिंह चौहान, श्री रवि तंवर, सुश्री साक्षी मसीह, श्रीमती पूनम सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री दीपक भण्डारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सागर अग्रवाल, अधिवक्तागण, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, खण्डपीठ सदस्यगण एवं पक्षकारगण उपस्थित रहें।
शुभारंभ के अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी ने कहा कि लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण निःशुल्क तथा त्वरित न्याय है। माननीय महोदय ने सभी अधिवक्ताओं से विशेष आग्रह किया गया कि आप न्यायालय व्यवस्था की कड़ी का एक अभिन्न अंग है। आपकी भूमिका एवं योगदान सर्वप्रथम है अतः आप आज दिनांक को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों का समझौता एवं राजीनामा के माध्यम से निराकरण कराने का प्रयास करें, ताकि जिला झाबुआ एक नया कीर्तिमान प्राप्त कर सके। कार्यक्रम में लोक अदालत के नोडल अधिकारी एवं विशेष न्यायाधीश श्रीमान महेन्द्र सिंह तोमर जी ने कहा कि लोक अदालत प्रकरणों के निराकरण का एक सरल माध्यम है, इसमें धन व समय की बचत होती है। पक्षकार मध्यस्थता के माध्यम से भी अपने प्रकरणों का निराकरण कर सकते है। उन्होंने उपस्थित सभी मध्यस्थों एवं अधिवक्ताओ से आग्रह किया की न्याय प्रशासन के साथ मिलकर सहयोग करें एवं अधिक से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा कराने की कोशिश करें। श्री तोमर जी ने कहा कि लोक अदालत में मध्यस्थों एवं अधिवक्ताओं की भूमिका अहम होती है उनके सहयोग से ही प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। कार्यक्रम में द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री भरत कुमार व्यास जी ने सभी न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत वादकारियों के लिए वरदान है, जिसमें मामले सुलह समझौते के आधार पर समाप्त किए जा सकते है एवं छोटे मामलों का त्वरित निराकरण किया जाता है। लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अधिवक्ताओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि वह वादकारियों व न्यायालय के बीच की कड़ी है। लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण निःशुल्क तथा त्वरित न्याय विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है। इसका उद्देश्य है कि देश का कोई भी नागारिक आर्थिक या किसी अक्षमता के कारण न्याय पाने में वंचित न रहे जाये। कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती पूनम सिंह ने कहा कि लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर प्रकरण के समाप्त करने में आपसी कटुता और बुराई समाप्त होती है दोनों पक्षों की जीत होती है कोई हारता नहीं है। संबोधन की कड़ी में अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री दीपक भण्डारी ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से छोटे-छोटे मामलों का निराकरण किया जाता है ऐसे कई मामलें होते है जिसमें लोग मानसिक रूप से परेशान रहते है। उक्त मामलों को आपसी सुलह-समझौते के आधार पर लोक अदालत में निराकरण किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विजय पाल सिंह चौहान द्वारा किया गया तथा आभार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री गौतम सिंह मरकाम ने माना।
दिनांक 11 फरवरी-2023 को हुई वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत में मृतक की पत्नि को मुआवजा राशि 21 लाख रूपये का अवार्ड पारित हुआ।
दुर्घटना दिनांक 11 जुलाई 2021 को प्रार्थिया श्रीमती हुकली के पति लालुसिंह डोडियार की वाहन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जिसकी क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के लिए प्रार्थिया श्रीमती हुकली के द्वारा न्यायालय के समक्ष क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के लिए दावा प्रस्तुत किया गया था जिसमें दिनांक 11 फरवरी-2023 को नेशनल लोक अदालत में विपक्षी बीमा कंपनी ने प्रार्थीगण से आपसी राजीनामा रूपये 21 लाख में कर लिया। राजीनामा के आधार पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी द्वारा रूपये 21 लाख अवार्ड पारित किया गया। प्रार्थीगण की ओर से श्री लोकेन्द्र शर्मा अधिवक्ता द्वारा उक्त प्रकरण की पैरवी की एवं बीमा कंपनी की ओर से श्री एच.पी. अग्निहोत्री अधिवक्ता द्वारा पैरवी की गई।
माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी के निर्देशानुसार इस लोक अदालत के लिए न्यायालय झाबुआ/पेटलावद/थांदला हेतु कुल 15 खण्डपीठों का गठन किया गया था। 15 खण्डपीठों में न्यायालय के कुल प्रकरण 1675 में से कुल 303 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें कुल 899 व्यक्ति लाभांवित होकर अवार्ड राशि 45796143/- रूपये प्राप्त हुये एवं प्रीलिटिगेशन में कुल 3780 प्रकरण रखे गये जिसमें कुल 331 प्रकरणों का निराकरण कर कुल 328 व्यक्ति लाभांवित होकर अवार्ड राशि 14118579/- रूपये पारित हुई। इस प्रकार न्यायालय एवं प्रीलिटिगेशन के कुल 634 प्रकरणों का निराकरण हुआ। लोक अदालत के माध्यम से कई पक्षकारों के मध्य आपसी मधुर संबंध स्थापित हुये और न्याय स्वरूप वृक्ष दिये गये।
सभी अधिवक्ता, लोक अदालत के खण्डपीठ के सदस्य, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी एवं न्यायालयीन कर्मचारियों का भी सराहनीय सहयोग रहा। आगामी नेशनल लोक अदालत दिनांक 13 मई-2023 को पुनः आयोजित की जायेगी। लोक अदालत के माध्यम से जो भी पक्षकार अपना प्रकरण निराकरण करवाना चाहता है वह अपने संबंधित न्यायालय अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ में संपर्क कर सकते हैं।