जिला उमरिया

2014-15 मैं चुने गए
सरपंच ने सचिव के साथ मिलकर पद का दुरुपयोग कर शासकीय राशि का भ्रष्टाचार किया, किसी भी सरकारी योजना को नहीं छोड़ा। सचिव, पूर्व सरपंच एवं रोजगार सहायक की तिकड़ी विकास के पैसों को अपनी जरूरतों में उड़ाने का आरोप है। बीते पांच साल में पंचायत के सचिव रोजगार सहायक ने वेंडर के साथ मिलकर बंद हो चुकी फर्म को भुगतान किया।
जिम्मेदारों को ना जांच की चिंता है, ना अधिकारियों का डर, भ्रष्टाचार जब शिष्टाचार बन जाए तो समझ तो समझ जाइएगा की सरकारी सिस्टम सड़ चुका है। ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत के बावजूद कार्यवाही ना होना यह भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है, इसको दर्शाता है, ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के इतने आरोप है कि जांच अधिकारी खुद हैरान हो जाएंगे।