पो फटतेही नूतन वर्ष का द्वार द्वार वंदन स्वागत प्रारंभ हो गया घरों में गुड़ी बांधकर एवं भगवा ध्वज फहरा कररंगोली बनाकरनव वर्ष का स्वागत किया गया प्रात से ही मंदिरों में शंखनाद की ध्वनि से पूरा वातावरण नव वर्ष मय हो गया प्रकृति ने नववर्ष की तैयारी पहले से ही पूर्णकर ली थी पलाश एवं महूए के वृक्षों में फूल एवं फल अपनी मधुर मुस्कान एवं सुगंध से मदमस्त वातावरण बना रहे थे वृक्षों ने पुराने वस्त्र उतारकर नए वस्त्र धारण कर लिए थे आम नीम बोर इमली के वृक्षों से वातावरण सुगंध मय हो गया था खेतों में फसलें पककर तैयार हो गई आंवले के वृक्ष से फल अनेक व्याधियों का समन करने को संदेश दे रहे हैं वनों में भी मंद मंद हवा बह रही है  हिरणों के  झुंड कुचालेमारते नजर आ रहे हैं कोयल की कूक से वातावरण आनंदित हो रहा है यही तो है आर्यावत सनातन धर्म भारतवर्ष का नूतन वर्ष का आगमन