सरदार सरोवर बांध का बैक वाटर निसरपुर ब्लॉक की नर्मदा की सहायक नदी बाघनी और उरी नदी में से कम होने के साथ ही इन दोनों नदियों में अब लगातार अवैध रेत खनन धड़ल्ले से हो रहा है जिसके चलते इन दोनों नदियों में बड़े-बड़े गड्ढे नजर आने लगे है जबकि इन दोनो नदियों में किसी भी प्रकार की रेत खनन की खदान लीज पर नहीं होने के बावजूद खनन हो रहा है ।
प्रतिनिधि-दीपक वाल्गे
कुक्षी तहसील के निसरपुर ब्लॉक की नर्मदा नदी की दो सहायक नदियां उरी और बाघनी में सरदार सरोवर बांध के नर्मदा का बैक वाटर 6 से 8 किमी तक इन दोनो नदियों में अगस्त माह से नवंबर माह तक भरा रहता है इसके बाद ब्लैक वाटर उतरने लगता है और जैसे-जैसे बैक वाटर नर्मदा नदी की ओर इन नदियों से पीछे की और होने लगता है वैसे वैसे इन दोनों नदियों में अवैध रेत खनन तेजी से शुरू हो जाता है क्योंकि बारिश के मौसम के बाद नदियों में पानी भरा रहता है ।
बाघनी नदी में 8किमी नदी छेत्र में खनन - वर्तमान में सरदार सरोवर बांध का बैक वाटर निसरपुर के समीप कटनेरा पुल जहा पर ऊरी और बाघनी नदी का संगम स्थल है वहा पर एक सप्ताह से स्थिर बना हुआ है ऐसे में इस स्थान से लेकर कुक्षी के समीप बाघनी नदी के पुल तक नदी में भीलसुर भंवरिया खराजना सातमात्रा गोगवा में नदी में लगभग 60 से 70 स्थानों पर नदी में रेत का खनन किया जा रहा है इन स्थानों पर नदी में मजदूरों के माध्यम से नदी में रेत की खुदाई और उसके बाद उसे छानने के लिए चालने लगा कर रेत को ट्रैक्टरों के माध्यम से भारी क्षेत्रों में भेजा जा रहा है रेत खनन करने से नदी में जगह जगह गड्डे देखे जा सकते है
उरी नदी में भी लगातार खनन - नर्मदा की दूसरी सहायक नदी ऊंरी में भी ग्राम कोलगाव ननोदा धुलसर ग्रामों में नदी के दोनो किनारों पर अवैध खनन काफी मात्रा में हो रहा है जिसके चलते नदी के दोनों तटों पर गहरे गहरे गड्ढे देखे जा सकते हैं अवैध खनन के चलते नदी मैं अब लगातार कटाव देखा जा रहा है जिसके कारण नदी के तट काफी छोटे होते जा रहे हैं वही इस नदी में अवैध खनन के कारण हुए गहरे गड्ढों के चलते बारिश में ग्राम कोलगाव में बच्चो की मोते भी हो चुकी है ।खेतो में से बना लिए आने जाने के रास्ते - अवैध रेत खनन करने वालों ने अब कार्रवाई से बचने के लिए खेतो के मध्य से नदी तक पहुंचने के लिए अंदरूनी रास्ते बना लिए और रेत खनन करने वाले मुख्य मार्ग पर नजर रखने के लिए आदमी खड़े कर रखें है ऐसे में जैसे ही मुख्य मार्ग से खनिज विभाग या प्रशासन के अधिकारियों की कारवाई के लिए नदी साइड आते है वैसे ही खबर लगने पर रेत खनन करने वाले खेतो के रास्ते से निकल जाते है हालाकि राजस्व विभाग कारवाई कभी कभी करता है पर वह खनिज अधिनियम के तहत न हो कर जुर्माने की राशि वसूल कर छोड़ दिया जाता है
नाकाबंदी हो तो ही खनन पर लगाम - प्रशासन और खनिज विभाग को अगर अवैध रेत खनन रोकना है तो नदियों के किनारों से जो मुख्य मार्ग जोड़ते हैं उन मार्गों पर जब तक नाकाबंदी कर वाहनों को रोका नहीं जाता तब तक अवैध खनन पर एकदम रोक लगना संभव नहीं है और नर्मदा की इन दोनों सहायक नदियों पर भी नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी के द्वारा अभी रेत खनन पर पूरी तरह की सा रोक लगा रखी है उसके बावजूद इन दोनों नदियों में लगातार अवैध खनन हो रहा है कारवाई करते है - इस समंदर में नायब तहसीलदार कुणाल अवास्या ने बताया कि क्षेत्र में ऊरी और बाघनी नदी पर अवैध खनन को लेकर राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती रहीं है आगे भी करेगे वहीं इस मामले में जिला खनिज अधिकारी जे एस भिड़े से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका मोबाइल लगातार व्यस्त रहा ।