वारासिवनी -नवोदय विद्यालय के मास्टर प्रथमेश नगपुरे का राष्ट्रीय बाल विज्ञान काँग्रेस में रहा
नवोदय विद्यालय के मास्टर प्रथमेश नगपुरे का राष्ट्रीय बाल विज्ञान काँग्रेस में रहा0 उत्कृष्ट प्रदर्शन
वारासिवनी। स्थानीय जवाहर नवोदय विद्यालय के बाल वैज्ञानिकों मास्टर प्रथमेश नगपुरे, मास्टर अथर्व सोनी एवं कुमारी आरोही पारधी द्वारा विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पूनम राज शर्मा के कुशल नेतृत्व में श्रीमती सुदेश सोनी विज्ञान शिक्षिका के मार्गदर्शन व समस्त स्टाफ के
सहयोग से तैयार प्रोजेक्ट का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर साईंस सिटी अहमदाबाद गुजरात में आयोजित 5 दिवसीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान काँग्रेस में किया गया। जिसमें मास्टर प्रथमेश नगपुरे द्वारा उत्कृष्ट प्रोजेक्ट का
प्रदर्शन किया गया जिसे नवोदय विद्यालय स्टेट में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
नेशनल चिल्ड्रन साईंस कांग्रेस में नवोदय विद्यालय समिति की ओर से 32 प्रोजेक्ट का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए किया गया था। जिसमें जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी बालाघाट का प्रोजेक्ट अव्वल रहा।
गौरतलब है कि इससे पहले रायपुर में आयोजित क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भी इस प्रोजेक्ट को बहुत अधिक सराहा गया था। अहमदाबाद में आयोजित हुई नेशनल चिल्ड्रन साईंस कांग्रेस 2022 में भारत के सभी राज्यों के अलावा आशीयान देशों के चयनित बाल वैज्ञानिकों ने भी अपने प्रोजेक्ट के साथ हिस्सा लिया। बाल वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट के तहत अपनी मार्गदर्शक विज्ञान शिक्षिका के साथ नवोदय विद्यालय केम्पस की जैव विविधता के बारे में दुर्लभ जानकारियाँ संग्रहित की। जैव विविधता व पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित रखने के लिए जैविक कीट नियंत्रक के रुप में विभिन्न पौधों से जिन्हे मवेशी व बंदर नहीं खाते हैं। उनसे विशेष प्रक्रिया द्वारा वह जैव रसायन प्राप्त करके विभिन्न कीट प्रभावित पौधों पर इस्तेमाल कर अध्ययन किया गया था।
इस अध्ययन के परिणाम स्वरुप यह निष्कर्ष निकाला गया कि कीटनाशकों का अधिक प्रयोग करना जैव विविधता व पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। जिसके
कारण कीटों की बहुत सी प्रजातियाँ लुप्त होने की कगार पर हैं व पर्यावरण का संतुलन भी इससे बिगड़ रहा है। अत: अधिक से अधिक जैविक रसायनों के
प्रयोग को बढ़ावा देना इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है।