रतलाम - जिला स्तरीय जनसुनवाई में 54 आवेदनों पर हुई सुनवाई
31 जनवरी 2023/जिला स्तरीय जनसुनवाई मंगलवार को कलेक्टर सभाकक्ष में संपन्न हुई। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े, एसडीएम श्री संजीव पांडे, डिप्टी कलेक्टर श्री त्रिलोचन गौड तथा एसडीएम ग्रामीण सुश्री कृतिका भिमावत़ द्वारा भी जनसुनवाई की गई। 54 आवेदनों पर सुनवाई करते हुए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए।
जनसुनवाई के दौरान विरियाखेडी निवासी शांति पति कांतिलाल राव ने आवेदन देते हुए बताया कि प्रार्थिया की नियुक्ति वर्ष 2001 में आंगनवाडी सहायिका पद पर की गई थी, तभी से प्रार्थिया द्वारा नियमित रुप से सहायिका के रुप में कार्य किया जा रहा है। प्रार्थिया के आधार कार्ड व मतदाता परिचय पत्र के अनुसार जन्म दिनांक का वर्ष 1966 दर्ज है जो कि सही है परन्तु संबंधित विभाग द्वारा मेरी आयु 65 वर्ष बताई जाकर सेवानिवृत्त करना चाहता है जबकि मेरे कार्यकाल का अभी काफी समय शेष है। अतः प्रार्थिया को सेवानिवृत्ति की आयु तक कार्य करने दिया जाए। आवेदन निराकरण के लिए संबंधित विभाग को भेजा गया है।
सैलाना यार्ड निवासी अनीशा तथा शरीफ खान ने आवेदन में बताया कि धारणाधिकार योजना के तहत पट्टे का आवेदन दिया गया था जिसका कोई निराकरण नहीं किया गया है। अतः पट्टा प्रदान किया जाए। आवेदन एसडीएम शहर को निराकरण हेतु प्रेषित किया गया है।
पिपलौदा निवासी अनिल मेहता ने बताया कि प्रार्थी का मकान ग्राम रियावन में है तथा मकान के सामने ही शासकीय भूमि पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया जाकर पक्का ओटला निर्मित कर लिया गया है। इस सम्बन्ध में सीएम हेल्पलाईन पर भी शिकायत दर्ज की गई थी परन्तु कोई कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आवेदन तहसीलदार पिपलौदा को निराकरण के लिए भेजा गया है।
ग्राम सरवड निवासी लीलाबाई पति स्व. मानसिंह ने जनसुनवाई में आवेदन देते हुए बताया कि प्रार्थिया की भूमि पर विगत दिनों पटवारी व अन्य 15-20 व्यक्तियों द्वारा जबरदस्ती भूमि का नाप लिए जाने पर प्रार्थिया द्वारा विरोध किया गया तो जबरन भूमि नापते हुए पत्थर रख दिए गए। बात करने पर कहा गया कि सन् 2014 में मानसिंह ने यह जमीन बेच दी थी जिस पर हम कब्जा करने आए हैं।
लीलाबाई ने बताया कि उनके पति की आठ माह पूर्व मृत्यु हो चुकी है तथा कतिपय लोग डरा-धमकाकर भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। मेरे पति द्वारा यदि जमीन बेची गई है तो उस पर परिवार के किसी भी सदस्य की सहमति नहीं है और ना ही कोई लिखा पढी की है। उचित कार्रवाई की जाए। आवेदन निराकरण के लिए तहसीलदार रतलाम ग्रामीण को भेजा गया है।