दतिया जिले के जनपद पंचायत के ग्राम दुरसड़ा के किसान श्री प्रेम शंकर निंरजन द्वारा निजी भूमि पर बनाये गए तालाब से मछली पालन व्यवसाय से हुई आय से परिवार में खुशहाली देखने को मिल रही है। श्री प्रेम शंकर ने मछली पालन विभाग की नील क्रांति योजना के तहत् मिली सहायता राशि से स्वयं के खेत पर एक हैक्टेयर भूमि में तालाब का निर्माण किया। इस तालाब में मछली पालन से प्रेम शंकर को साढ़े तीन लाख रूपये का मुनाफा भी हुआ। 
श्री प्रेम शंकर निरंजन पुत्र श्री राम सिंह निरंजन ने बताया कि वर्ष 2020-21 में मछली पाललन विभाग की ”नील क्रांति योजना के तहत्” स्वयं की भूमि पर एक हैक्टेयर क्षेत्र में तालाब का निर्माण किया। योजना के तहत् तालाब निर्माण हेतु 40 प्रतिशत अनुदान राशि के रूप में 3 लाख 40 हजार की राशि भी प्राप्त हुई। तालाब निर्माण उपरांत तालाब में 25 हजार रोहू, कतला, कॉमन कार्प प्रजाति के मत्स्य बीज डाले गए। इन मछलियों को प्रतिदिन भोजन के रूप में (फिश फीड) सरसों की खली, चावल की भूसी के रूप में दी गई। एक वर्ष के अंदर तालाब से मछली का उत्पादन भी शुरू हो गया। जिसमें एक किलो से लेकर डेढ़ किलो तक कतला एवं कॉमन कॉर्प और किलो से सवा किलो तक वनज की रोहू का उत्पादन लिया जा रहा है। इन्होंने बताया कि तालब से 60 क्विंटल मछली का उत्पादन लिया जा चुका है। इन मछलियों को दतिया एवं झांसी के मत्स्य बाजार में थोक एवं फुटकर में 60 रूपये से लेकर 100 रूपये किलो के रूप में विक्रय किया गया है। इन मछलियों के विक्रय से श्री प्रेम शंकर को सभी खर्चे काटने के उपरांत साढ़े तीन लाख रूपये का मुनाफा हुआ है। मछली पालन के व्यवसाय में अच्छी आय को देखते हुए प्रेम शंकर एक और तालाब के निर्माण करने का विचार कर रहे है। श्री प्रेम शंकर ने बताया कि पहले एक हैक्टेयर जमीन में खेती से मुश्किल से 1 लाख की फसल ले पाते थे। लेकिन मछली पालन व्यवसाय से 1 हैक्टेयर तालाब से सभी प्रकार के खर्चे काटने के उपरांत साढ़े तीन लाख का रूपये का मुनाफा हुआ है। इसके साथ ही वह तालाब में सिघाड़े की फसल भी लेंगे जो इनकी आय का अतिरिक्त साधन होगा। उन्होंने बताया कि तालाब के किनारे रिक्त भूमि पर फलोद्यान भी कर रहे है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि परम्परागत खेती के साथ-साथ मछली पालन व्यवसाय अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते है।