ग्वालियर रुद्रांश दर्पण :-

 भाई-बहन ने सुनाई टीचर्स के जुल्मों की दास्तां:बोले- सोनू सर धमका रहे थे कि होमवर्क पूरा नहीं हुआ, तो छत से फेंक देंगे      ये कहते हुए 14 साल के बच्चे की आंख से आंसू बहने लगते हैं। ग्वालियर में में टीचर की पिटाई के बाद 8वीं के छात्र कृष्णा चौहान (12) की मौत के बाद परिजन गुस्से और गम में हैं। घटना के चश्मदीद कृष्णा के 14 साल के भाई ने दैनिक भास्कर को दोनों टीचर्स के जुल्मों की दास्तां बताई। कृष्णा की बहन ने मौत से पहले की पूरी बात बताई कि आखिर क्या हुआ था उसके साथ। बड़े भाई की जुबानी, उस दिन की कहानी

‘ मैं भी फोर्ट व्यू स्कूल में 9वीं में पढ़ता हूं। मेरी क्लास के सामने से कृष्णा की क्लास में दिखता है। 12 जुलाई को भी मैं क्लास में था। कृष्णा भी अपनी 8वीं की क्लास में था। मैंने देखा था कि हॉल में उसे मुर्गा बनाया था। मैं, अपने भाई को देख रहा था। सोनू सर उसे धमका रहे थे कि यदि होमवर्क पूरा नहीं हुआ, तो कल उसे छत से नीचे फेंक देंगे। इससे भाई दहशत में आ गया था। इसके बाद वह रास्ते में उल्टी करते आया। एक साल पहले भी सोनू सर ने उसे पीटा था। तब हमने शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि अब उसे हाथ भी नहीं लगाएंगे, पर उसे फिर रोज पीटने लगे।’

(जैसा कृष्णा के भाई ने बताया।)

बहन बोली- ऐसा सोया फिर नहीं उठा, बार-बार बेहोश हो रहा था

कृष्णा की 15 वर्षीय बड़ी बहन ने बताया कि ‘जिस दिन उसकी मारपीट हुई थी, उस दिन शाम को आकर मुझसे कहा कि सर ने मुझे डंडा मारा है। मैंने कहा कि पढ़ेगा नहीं तो सर ऐसे ही मारेंगे। वह कहता है कि ठीक है, मैं काम पूरा कर लूंगा, लेकिन कल नहीं जाऊंगा। इसके बाद वह नई ड्रेस खरीदने के लिए कहने लगा। जब उसे हम ड्रेस दिलाने ले गए, तो वह बार-बार बेहोश हो रहा था। हमें लगा कि गर्मी से हो रहा हो है। उसे जूस पिलाया, तो उल्टी कर दी। इसके बाद घर आकर कहने लगा कि सोना है। उसे सुला दिया। काफी देर बाद बड़ी मुश्किल से उसे उठाया, तो उसके आंखों के सामने सिर्फ नींद-नींद छाई थी। उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने मना कर दिया। यहां से उसे जेएएच लेकर पहुंचे। यहां रविवार को वह हमेशा के लिए खामोश हो गया।’ दहशत में स्कूल जाता था कृष्णा

कृष्णा के पिता कोक सिंह चौहान ने बताया कि मेरा बेटा दहशत में स्कूल जाता था। उसे अकबर और सोनू सर बेरहमी से पीटते थे। इतनी गर्मी व उमस में कोई वयस्क भी आराम से बैठ नहीं सकता। उस मासूम को 30-30 मिनट तक मुर्गा बनाने की सजा यातना से कम नहीं। स्कूल के टीचर उसे होमवर्क न करने पर छत से फेंकने की धमकी देते थे। मान भी लिया जाए कि ऐसा उसे होमवर्क करके आने के लिए डराने के लिए कहा जाता था, लेकिन बच्चे के मासूम दिल पर हर दिन के साथ यह दहशत पैदा करता गया। नतीजा, वह गहरे अवसाद में चला गया था। वह इतना प्रेशर झेल चुका था कि उसके सिर की नस बर्स्ट हो गई।

स्कूल मैनेजमेंट बोला- बच्चे को पहले से ट्यूमर था-

फोर्ट व्यू स्कूल के संचालक आकाश श्रीवास्तव का कहना था कि सोनू सर 19 साल से स्कूल में पढ़ा रहे हैं। वह खुद भी दिव्यांग हैं। उस दिन होमवर्क पूरा नहीं होने पर कृष्णा समेत 15 बच्चों को एक-एक डंडा मारा था। यह बच्चा भी स्कूल से आराम से घर गया है। उसके बाद ड्रेस खरीदने पहुंचा है। उसके बाद उसे कुछ हुआ है। अकबर सर के मुर्गा बनाने पर स्कूल संचालक गोलमोल जवाब देते नजर आए। उनका कहना है कि बच्चे को पहले से ट्यूमर था। यह इत्तेफाक है कि इस केस के बाद अचानक यह उसकी हालत बिगड़ गई। स्कूल का इससे लेना-देना नहीं है।यह है मामला

बहोड़ापुर शब्द प्रताप आश्रम के पास रहने वाले कोकसिंह चौहान के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी निशा, बेटा योगेश चौहान (14), कृष्णा चौहान (12)( तीनों पास ही फोर्ट व्यू स्कूल में पढ़ते थे। सबसे छोटा बेटा कृष्णा घर में सबसे ज्यादा हंसमुख था। वह आठवीं का छात्र था। 12 जुलाई को स्कूल से लौटते समय उसे उल्टियां हुईं। छात्र एक हाथ पैर भी काम नहीं कर रहे थे। यहां उसके बड़े भाई योगेश चौहान जो उसी स्कूल में 9वीं में पढ़ता था। परिजन को बताया कि स्कूल में आज टीचर सोनू श्रीवास्तव ने कृष्णा को डंडे से पीटा था। अकबर सर ने 30 मिनट तक मुर्गा बनाया। उसके बाद ही हालत बिगड़ी है। परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए। जहां रविवार सुबह मासूम ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत से नाराज परिजन ने स्कूल का घेराव कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाकर हंगामा शांत कराया।