झाबुआ: आखिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कौन याद दिलाएगा 2003 में जनदर्शन यात्रा में की गई घोषणा
झाबुआ रुद्रांश दर्पण:
वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी जनदर्शन यात्रा के दौरान एक घोषणा की थी आज तक वह घोषणा केवल घोषणा ही बनी हुई है अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पाए है। इसके पीछे जिम्मेदार किसे माने स्वयं घोषणा करने वाले को या स्थानीय जनप्रतिनिधियों को या विपक्ष को खैर जो भी हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार यहां के हजारों ग्रामीणों को होना पड़ रहा है।
हम बात कर रहे हैं मोहनखेड़ा वाया पारा राणापुर लिमडी टूलेन स्टेट हाईवे की जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग का सहायक मार्ग घोषित है। लेकिन आज दिनांक तक यह मार्ग केवल कागजों में ही पड़ा है। जबकि इसके बाद आसपास के क्षेत्र सहित पूरे मध्यप्रदेश में हजारों किलोमीटर की सड़कें बनी है लेकिन केवल यह अति व्यस्त मार्ग होने के बावजूद भी खस्ताहाल पर आंसू बहा रहा है। आज मुख्यमंत्री 20 वर्ष बाद पुनः सरदारपुर राजगढ़ मोहनखेड़ा तक रोड शो करते हुए मोहनखेड़ा में एक लाडली बहना सभा को संबोधित करेंगे। शायद आज उन्हें संज्ञान में आ जाए कि यहां की जनता को उक्त मार्ग की घोषणा कर दे और शीघ्र ही इस मार्ग का कार्य प्रारंभ करवा दे निश्चित रूप से मध्य प्रदेश गुजरात राज्य से भी आवागमन इस मार्ग पर होता है और मध्य प्रदेश के जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मोहनखेड़ा में है। जहां पर मध्य प्रदेश सहित गुजरात महाराष्ट्र राजस्थान मुंबई आदि कई राज्यों से जैन धर्मावलंबी यहां पर दर्शन करने पहुंचते हैं वही हजारों ग्रामीणों सहित व्यपारियों के लिए भी यह मार्ग काफी महत्वपूर्ण है।
अब ऐसे में जिम्मेदार लोग क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस मार्ग के लिए पहल करेंगे यह देखने का विषय है यदि ऐसा नहीं होता है आने वाले समय में चुनाव परिणाम पर भी असर देखने को मिल सकता है जिसका खामियाजा दोनों ही प्रमुख पार्टियों को उठाना पड़ सकता है क्योंकि विपक्ष ने भी यहां पर अपनी भूमिका निभाते नहीं दिख रहे हैं और सत्तारूढ़ पार्टी की तो बात ही छोड़ दो 2 दशक से सत्ता का सुख भोग रहे लेकिन जनता की सुध लेने वाला कोई नही दिखता है।