नए साल में रामलीला मेला  देखने के लिए उमडा  भारी जनसैलाब, झूलों का जमकर लिया आनंद।

रायसेन। रामलीला महोत्सव के चलते रविवार को नए वर्ष के उपलक्ष में रामलीला देखने एवं मेले का आनंद लेने के लिए भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा, रामलीला मैदान से लेकर पूरे मेला स्थल पर जिधर देखो उधर जनता ही जनता नजर आ रही थी कुंभकरण बध  की आकर्षक लीला को देखने के लिए मैदान के चारों तरफ बड़ी संख्या में दर्शक लीला देखने के लिए खड़े हुए थे।  प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार लंकापति रावण अपने भाई कुंभकरण जो कि कई माह से गहरी नींद में सो रहा था उसे कुछ खेल खबर ही नहीं थी इधर   रावण सेनापति  को कुंभकरण के पास भेजता है  सेना के लोगों द्वारा कुंभकरण की नींद जगाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जब वह जागता है तो रावण से कहता है कि आप अनीति कर रहे हैं पराई स्त्री को रखे हुए हैं यह गलत है, इस पर रावण नाराज होता है और योजना बनाते हुए सेनापति को आदेश देता है कि जाओ इस कुंभकरण को जमकर मद्रा  पान पिलाओ ताकि इसे होश ना रहे तब जाकर इसकी अकल ठिकाने आएगी।  इधर रावण की सेना ऐसा ही करती है और नशे में मदहोश होकर कुंभकरण राम सेना से युद्ध करने के लिए चलता है इस बीच रामा दल में भगवान राम बैठे होते हैं और हनुमान जी से कहते हैं कि देखो सामने कौन आ रहा है आप जा कर देखिए परंतु विभीषण को भेजा जाता है क्योंकि वह भाई थे विभीषण कुंभकरण को समझाने के लिए आते हैं परंतु कुंभकरण विभीषण को बहुत बुरा भला कहता है और कायर की उपमा देकर उन्हें  वापस जाने के लिए कहता है विभीषण  राम जी के पास पहुंचते हैं और कहते हैं कि हे प्रभु वह मेरी बात नहीं मान रहा है इस प्रकार से भगवान राम लक्ष्मण अपनी राम सेना को साथ लेकर और कुंभकरण के पास चल देते  हैं।  आमने सामने रामलीला मैदान में घनघोर युद्ध होता है दोनों ही तरफ से सेना  एक दूसरे पर वार करती है और काफी देर तक यह युद्ध चलता है अंत में प्रभु श्री राम कुंभकरण का बध  कर देते हैं।  जब यह खबर लंकापति रावण के पास पहुंचती है तो क्रोध के मारे रावण काफी गुस्सा करता है, इसी दौरान रावण के पुत्र मेघनाथ को भी  खबर मिलती है तो वह अपने पिता रावण के पास पहुंचता है और कहता है कि मुझे पिताजी आप अग्या  दीजिए मैं उन वनवासियों से युद्ध करूंगा और आपके सामने लाकर खड़ा कर दूंगा, परंतु रावण से पुत्र हुए नहीं छूटता है और कहता है कि हे  इंद्रजीत तुम मेरे प्राणों से प्यारे बैटे  हो तुम यहीं रहो मैं जाता हूं परंतु मेघनाथ कहता है कि पिताजी आपको शर्म नहीं आती मेरे जैसा आपका बेटा है मुझे ही आप आज्ञा दीजिए मैं उन तपस्वी बालकों को देखता हूं । इस प्रकार से रावण  मेघनाथ को रणभूमि में जाने की आज्ञा दे देते हैं।  इधर मेघनाथ सेना के साथ आता है और प्रभु श्री राम की सेना को ललकार ता है इस दौरान भारी युद्ध  होता है और मायावी मेघनाथ तरह-तरह की शक्तियां चलाकर  अपना  मायाजाल फैलाते हुए भगवान राम लक्ष्मण हनुमान सहित राम सेना में शामिल सभी को ब्रह्मा फ़ास में बांध देता है। इधर   ब्रह्मा फाश  काटने के लिए गरूड़जी  पहुंचते हैं और जब भगवान को ब्रह्मा पास में बंधे हुए देखते हैं तो अपनी चोंच से ब्रह्म फास  को काट देते हैं।  इस प्रकार से भगवान राम लक्ष्मण और सारी राम सेना  मुक्त हो जाती है।  इस दौरान रामलीला मैदान में भगवान श्री राम के जयकारे गूंज उठते हैं जय जय सियाराम जय हनुमान जय सीता राम के नारे चारों तरफ सुनाई पड़ते हैं । इन सुंदर प्रसंगों की लीला का मंचन कलाकारों द्वारा शानदार तरीके से किया गया, इस दौरान कुंभकरण का अभिनय राजेश पंथी, और मेघनाथ का अभिनय आदित्य शुक्ला द्वारा किया गया वहीं, भाजपा नेता कन्हैयालाल सूरमा भी भगवान राम और कुंभकरण  युद्ध में  भूमिका निभाते हैं,  परंतु  भगवान श्री राम कुंभकरण की सारी सेना को मार गिराते हैं।

रामलीला में सोमवार को होगी मेघनाथ वध की आकर्षक प्रस्तुति।

रामलीला समिति के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज सोमवार को रामलीला मैदान में मेघनाथ वध की अति आकर्षक लीला का मैदानी मंचन किया जाएगा श्री रामलीला मेला समिति के पदाधिकारियों ने सभी धर्म प्रेमियों से धर्म का लाभ उठाने की अपील की है।