धार - सड़क नहीं बनने से नाराज ग्रामीणों का प्रदर्शन:ढाई हजार की आबादी वाले गांव में 5 km की सड़क नहीं, कहा-रोड नहीं तो वोट नहीं
रोड नहीं तो वोट नहीं। विधानसभा चुनाव का बहिष्कार। जब तक रोड नहीं विरोध जारी रहेगा। कुछ इस तरह से नारेबाजी करते हुए सरदारपुर तहसील के ग्राम मिंडा निवासी ग्रामीणों ने सोमवार सुबह कलेक्ट्रेट परिसर में रैली निकालते हुए पहुंचे। यहां उन्होंने कलेक्टर के नाम का ज्ञापन तहसीलदार दिनेश कुमार उईके को सौंपा। ग्रामीण निजी वाहनों से सोमवार को धार पहुंचे थे। हाथों में वोट नहीं देने को लेकर तख्तियां लेकर ग्रामीणों ने करीब 20 मिनट तक नारेबाजी की। ज्ञापन के पहले ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर सांकेतिक रुप से धरना भी दियाबारिश में आती दिक्कत
ग्रामीणों ने सौंपे आवेदन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि माही नदी का उद्गम स्थल मिंडा होने से इसका पुरातन महत्व हैं। साथ ही प्रतिवर्ष माही पंचकोशी यात्रा निकाली जाती हैं, लेकिन पक्का सड़क मार्ग नहीं होने से हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस दौरान अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता हैं, तो अस्पताल लाने-ले जाने में परेशानी उठाना पड़ती है। साथ ही किसानों को कृषि संबंधी कार्य करने में भी दिक्कत आती है। बारिश के दिनों में समस्या बढ़ जाती है, कच्चा मार्ग होने के कारण कीचड़ फैल जाता है। कई स्थानों पर दल-दल जैसी स्थिति बनने के कारण वाहन तो दूर पैदल निकलने में भी परेशानी उठानी पड़ती है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 5 किलोमीटर का मार्ग कच्चा है। डामरीकृत सड़क बनाकर इसे मांगोद फोरलेन से जोड़ा जा सकता है।विधायक व सांसद ने नहीं सुनी
ग्रामीणों ने तहसीलदार को बताया कि सड़क को फोरलेन से जोड़ने की मांग लंबे समय से की जा रही है। ढाई हजार की जनसंख्या वाले गांव की इस मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक, सांसद तक को आवेदन दिए हैं, किंतु समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। जिसके चलते ही ग्रामीणों ने सड़क मार्ग का निर्माण नहीं होने तक विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की सहमति बनी हैं। जब तक सड़क नहीं बन जाती तब तक ग्रामीणों द्वारा विरोध जारी रहेगा। ग्रामीणों के अनुसार करीब 15 साल पहले मुरम इस मार्ग पर डाली गई थी। यही मुरम बारिश के दिनों में कीचड़ बन जाती है।